Sunday, March 21, 2010












इंतज़ार...

मेरी आँखों का इंतज़ार, इंतज़ार रह गया
वो कुछ ना कह कर भी सब कुछ कह गया
सीने में छुपा दर्द जब लफ्ज़ो में पिरोया मैंने
वो मेरा हाले दिल समझ ना पाया और रूठ के चला गया
सब कुछ भुला के मैंने उससे वफायें की हैं
ना जाने क्या सोच के वो दिल को दुखा गया
मोहब्बत के बदले बस मोहब्बत ही तो माँगी थी मैंने
वो ये समझ ना पाया और दूर हो गया
माना था जिसको रहबर, समझा था जिसको माही
औरो की तरह वो भी बेगाना हो गया
अपने गमो की मैंने तशवीश ना की कभी
मेरे गमो से हमेशा वो अनजान रह गया
यादो के साए उसके मेरे पास रह गए
फिर ना मिलेगा मुझसे वो कह कर चला गया...

7 comments:

  1. Very well written.....kahan se milte hain ye shabd aapko....great idea n great execution.

    ReplyDelete
  2. वाह क्या बात है शीबा...मज़ा आ गया पढ़ कर...एक शेर याद आ गया-
    उसकी याद में हम बरसो रोते रहे,
    बेवफा वो निकले बदनाम हम होते रहे...
    प्यार में मदहोशी का आलम तो देखिये,
    धुल चहरे पे थी और हम आइना धोते रहे...

    ReplyDelete
  3. दिल की बात सीधे साधे शब्दों में कह जाना कोई खेल नहीं बावजूद इसके आपने वो कम बखूबी किया है इसके लिए केवल वाह वाह ही निकल रहा है |इस तरह के शब्दों से लिखी गयी खुशबूदार जिंदगी के रंग को चुने का मौका देने लिए भी शुक्रिया शीबा जी बोहत बोहत शुक्रिया

    ReplyDelete
  4. मेरी आँखों का इंतज़ार, इंतज़ार रह गया
    वो कुछ ना कह कर भी सब कुछ कह गया
    ...bahut badiya jajbaton ko sundar dhang se pesh kiya hai aapne...
    Haardik shubhkamnayen!

    ReplyDelete
  5. Thanks aloooot for appreciating...

    ReplyDelete
  6. Zaroori To Nahin Jeene Ke Liye Sahara Ho
    Zaroori To Nahin Hum Jinke Hain Vo Hamara Ho
    Kuch Kashtiyaan Doob Bhi Jaati Hain…
    Zaroori To Nahin Ke Har Kashti Ka Koi Kinara Ho….

    ReplyDelete
  7. Well said Ishant...very nice and meaningful lines.

    ReplyDelete

It's true the moment I saw you, i knew you were the one. Your heart was fire, like magic, an arrow shot from a gun. Your eyes, ...